सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 370 के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने आज जम्मू-कश्मीर से संबंधित धारा 370 के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने धारा 370 को असंवैधानिक घोषित कर दिया है l सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाया है।
इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर से अब भारतीय संविधान के सभी नियम लागू होंगे। इसका मतलब है कि अब जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी अन्य भारतीय नागरिकों के समान अधिकार और सुविधाएं मिलेंगी।
इस फैसले पर पूरे देश में खुशी का माहौल है। लोग इसे एक ऐतिहासिक क्षण बता रहे हैं। कई राजनेताओं और नेताओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को “नया भारत” बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक नया युग शुरू करेगा।
हालांकि, कुछ लोगों ने इस फैसले का विरोध भी किया है। कुछ कश्मीरी नेताओं ने कहा है कि यह फैसला कश्मीर के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और इससे क्षेत्र में अशांति बढ़ सकती है।
फिलहाल, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस फैसले का जम्मू-कश्मीर के हालात पर क्या असर पड़ता है। क्या इससे क्षेत्र में शांति और विकास का रास्ता खुल पाएगा, या फिर यह अशांति को बढ़ावा देगा? यह समय ही बताएगा।
2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिली विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का फैसला लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। केंद्र के इस फैसले को कई याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु:
अनुच्छेद 370 को रद्द करने का केंद्र सरकार का फैसला संविधान के अनुसार है।
राष्ट्रपति का आदेश, जिसके द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द किया गया है, वैध है।
केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में विधायिका स्थापित करने का अधिकार है।
जम्मू-कश्मीर में संपत्ति के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार कानून बना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला दूरगामी परिणामों वाला है और इसका जम्मू-कश्मीर के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।